26
Oct.2014
समय
अभी समय है, अभी नहीं कुछ भी बिगडा है.
देखो अभी सुयोग तुम्हारे पास खडा है.
करना है जो काम उसी में चित्त लगा दो.
अपने पर विश्वास रखो संदेह भगा दो.
आएगा क्या समय, समय तो चला जा रह .
देखो जीवन व्यर्थ तुम्हारा चला जा रह.
तो वीरों की भाँति खडे हो जाओ अब भी
करके कुछ जग बीच बडे हो जाओ अब भी.
उद्योगी को कहाँ नहीं सुसमय मिल जाता,
समय नष्ट कर नहीं सुख कोई भी पाता.
आलस ही है करा ये सभी बहाने
जो करना हो करो अभी ,कल क्या हो जाने.
ऐसा सुसमय भला और कब तुम पाओगे.
खोकर पीछे इसे सदा ही पछ्ताओगे.
तो इसमे वह काम नहीं जो तुम कर जाओ
सुखी रहे संसार तथा तुम भी सुख पाओ.
Category: Hindi Poems, Short Hindi Poems
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