short poems in hindi, kids Hindi poems, collection of kids poems, Kids Poetry, Kids Poems In Hindi, Hindi Poems For Kids.
कोयल
कोयल! कोयल! सच बतलाओ,
क्या संदेश लाई हो
बहुत दिनों के बाद आज फिर
इस डाली पर आई हो
क्या गाती हो, किसे बुलाती,
बतला दो कोयल रानी!
प्यासी धरती देख माँगती
क्या मेघो से पानी?
कोयल! यह मिठास क्या तुमने,
अपनी माँ से पाई है?
माँ ने ही क्या तुमको मीठी,
बोली यह सिखलाई है?
डाल–डाल पर उडना–गाना,
जिसने तुम्हें सिखाया है,
सबसे मीठा–मीठा बोलो,
यह भी तुम्हे बताया है.
बहुत भली हो तुमने माँ की,
बात सदा ही है मानी,
इसलिए तो तुम कहलाती हो,
सब चिडियों की रानी
सुभद्रा कुमारी चौहान
Category: Hindi Poems, Short Hindi Poems
हिमालय
खडा हिमालय बता रहा है,
डरो न आँधी– पानी में
डटे रहो अपने पथ पर
सब संकट तुफानी में
डिगो न अपने प्रण से तो तुम
सब कुछ पा सकते हो प्यारे
तुम भी ऊँचे हो सकते हो,
छू सकते नभ के तारे
अचल रहा जो अपने पथ पर,
लाख मुसीबत आने में
मिली सफलता जग में उसको,
जीने में, मर जाने में
सोहनलाल द्विवेदी
Category: Hindi Poems, Poems, Short Hindi Poems
समय
अभी समय है, अभी नहीं कुछ भी बिगडा है.
देखो अभी सुयोग तुम्हारे पास खडा है.
करना है जो काम उसी में चित्त लगा दो.
अपने पर विश्वास रखो संदेह भगा दो.
आएगा क्या समय, समय तो चला जा रह .
देखो जीवन व्यर्थ तुम्हारा चला जा रह.
तो वीरों की भाँति खडे हो जाओ अब भी
करके कुछ जग बीच बडे हो जाओ अब भी.
उद्योगी को कहाँ नहीं सुसमय मिल जाता,
समय नष्ट कर नहीं सुख कोई भी पाता.
आलस ही है करा ये सभी बहाने
जो करना हो करो अभी ,कल क्या हो जाने.
ऐसा सुसमय भला और कब तुम पाओगे.
खोकर पीछे इसे सदा ही पछ्ताओगे.
तो इसमे वह काम नहीं जो तुम कर जाओ
सुखी रहे संसार तथा तुम भी सुख पाओ.
Category: Hindi Poems, Short Hindi Poems
भूल गया है क्यों इंसान
सबकी है मिट्टी की काया,
सब पर नभ की निर्मल छाया,
यहाँ नहीं कोई आया है,
ले विशेष वरदान .
भूल गया है क्यों इंसान
धरती ने मानव उपजाए,
मानव ने ही देश बनाए
बहुदेशों में बसी हुई है,
एक धरा संतान.
भूल गया है क्यों इंसान
देश अलग हैं, देश अलग हों,
वेश अलग, वेश अलग हों,
मानव को मानव से लेकिन,
जोडे अंतर –प्राण
भूल गया है क्यों इंसान
हरिवंश राय बच्चन
Category: Hindi Poems, Short Hindi Poems
Recent Comments