विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
‘जग की सुंदरता वृक्षों एवं वनों से नहीं वरन् उसके नागरिकों से बढ़ती है‘ जा पंक्तियां पूर्णतः सत्य है। अनुशासित नागरिक ही संसार का पालन कर सकता है। आज का विद्यार्थी ही कल का नागरिक है।
“विद्यार्थी जिनमें हो अनुशासन, नागरिक बन संभाले प्रशासन”
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ विद्यालय को भी नियमित रखता है। विद्यार्थी को अपने पढ़ाई की सामग्री के साथ नियमित, विद्यालय में पहुंचना चाहिए। वहां पूरी श्रद्धा के साथ अध्ययन करना चाहिए। अध्यापक गण जो पढ़ावें उसे ध्यान से सुनना चाहिए। अध्यापक की आज्ञा का पालन करना ही विद्यार्थी का कर्तव्य बनता है।
“अनुशासित विद्यार्थी कर्म करे नियम बद्ध नम्र रहे अध्ययन करें क्रम बद्ध”
आधुनिक युग में विद्यार्थी अनुशासित नहीं हैं। देश की रक्षा के लिए जिन मूल्यों एवं गुणों की आवश्यकता है उनका विद्यार्थी विनाश कर रहे हैं। विद्यार्थी के अनुशासित रहने के लिए केवल विद्यालय अधिकारी ही नहीं वरन पूरा राष्ट्र चिंतित है। अध्यापक अध्यापक गण अपना सतत प्रयत्न कर विद्यार्थी को अनुशासित बनाकर उन्नति प्राप्त करवाना चाहते हैं।
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