26
Oct.2014
कोयल
कोयल! कोयल! सच बतलाओ,
क्या संदेश लाई हो
बहुत दिनों के बाद आज फिर
इस डाली पर आई हो
क्या गाती हो, किसे बुलाती,
बतला दो कोयल रानी!
प्यासी धरती देख माँगती
क्या मेघो से पानी?
कोयल! यह मिठास क्या तुमने,
अपनी माँ से पाई है?
माँ ने ही क्या तुमको मीठी,
बोली यह सिखलाई है?
डाल–डाल पर उडना–गाना,
जिसने तुम्हें सिखाया है,
सबसे मीठा–मीठा बोलो,
यह भी तुम्हे बताया है.
बहुत भली हो तुमने माँ की,
बात सदा ही है मानी,
इसलिए तो तुम कहलाती हो,
सब चिडियों की रानी
सुभद्रा कुमारी चौहान
Category: Hindi Poems, Short Hindi Poems
No Comments