26
Oct.2014
जल का चक्कर
दल के दल जब बादल आते.
रिमझिम – रिमझिम जल बरसाते.
ये बादल किस देश से आते?
किस नल से पानी भर लाते?
सागर की छाती के ऊपर
गरम हवाएँ जब बहती हैं.
सागर जल को भाप बनाकर
लेकर जब ऊपर उठती हैं.
तरह–तरह के बादल सजते.
रंग–बिरंगे बादल बनते.
हवा के रथ पर फिर चढकर वे
रिमझिम–रिमझिम जल बरसाते.
बादल सागर से ही आते
बादल सागर से जल लाते
ताल –तलियाँ नदियाँ भरते
खेत बगीचे सब हरसाते
मानव पशु पक्षी सब गाते
दल के दल जब बादल आते
कुछ जल धरती पी जाती है
कूप बावडी भर जाती है
कुछ पानी बहाकर नदियाँ
सागर को देती जाती है
जल से भाप, भाप से बादल
बादल से जल झर झर झरता
नदियों से सागर को मिलता
जल का चक्कर चलता रहता.
माणिक गोविंद चतुर्वेदी
Category: Hindi Poems
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