26
Oct.2014
हिमालय
खडा हिमालय बता रहा है,
डरो न आँधी– पानी में
डटे रहो अपने पथ पर
सब संकट तुफानी में
डिगो न अपने प्रण से तो तुम
सब कुछ पा सकते हो प्यारे
तुम भी ऊँचे हो सकते हो,
छू सकते नभ के तारे
अचल रहा जो अपने पथ पर,
लाख मुसीबत आने में
मिली सफलता जग में उसको,
जीने में, मर जाने में
सोहनलाल द्विवेदी
Category: Hindi Poems, Poems, Short Hindi Poems
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